मंत्र और ध्वनि का गूढ़ रहस्य
मंत्रजप अपने आप में एक विज्ञान है। मंत्रजप में केवल मंत्र की frequency का ही महत्व नहीं है, क्योंकि यदि ऐसा हो तो टेप पर चलने वालें मंत्र और मनुष्य के द्वारा जप किये जा रहे मंत्र में कोई अन्तर नहीं होगा। इतना ही नहीं यदि उतनी frequency ही यंत्र द्वारा उत्पन्न की जाये तो उसका भी वहीं प्रभाव होना चाहिए जो मंत्र का है? मंत्र की कोई विशिष्टता रहेगी ही नहीं।
मंत्र में frequency के अतिरिक्त भी जपकर्ता का संकल्प उसकी प्राणशक्ति मंत्र में रहती है जो अद्भुत प्रभाव दिखाती है, तथापि frequency का भी प्रभाव होता है यह भी सत्य है।
ध्वनि की जो frequency होती है उसमें मनुष्य 20 to 20,000 Hz कि frequency की ध्वनि सुन सकता है। उपांशुजप भी 50Hz के उपर की frequency होती है। जो कि 50 — 100 मीटर तक जा सकती है, वहां तक उसे डिटेक्ट किया जा सकता है। सामन्य कीर्तन आदि की आवाज 200 मीटर तक जा सकती है।