॥ श्री गुरुभ्यो नमः ॥

तन्त्रगुरुकुल में आपका स्वागत है, जहाँ तंत्र की कामाख्यादि एवं वैदिक परम्परओं की प्राचीन ज्ञानधाराएँ आधुनिक आध्यात्मिक जागरण की खोज के साथ संगम करती हैं।

इस दिव्य परम्परा के संरक्षक के रूप में हम आपको इस आध्यात्मिक धाम का अन्वेषण करने के लिए आमंत्रित करते हैं, जो रूपांतरण, आरोग्यता, और दिव्ययोनियों से सम्पर्क की ज्योति प्रज्वलित करता है।

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हमारी जड़ें

तन्त्रगुरुकुल की आधारशिला कामाख्या सम्प्रदाय के प्रति गहन श्रद्धा पर आधारित है। यह प्राचीन शिक्षाओं की समृद्ध धारा से प्रेरित होकर आध्यात्मिक अन्वेषण और सशक्तिकरण के मर्म को साकार करता है।

पवित्र दीक्षाएँ

हमारी दीक्षा विधियों के माध्यम से एक गहन यात्रा आरंभ करें, जहाँ साधकों को तंत्र के रहस्यमयी लोकों में प्रवेश कराया जाता है। ये दीक्षाएँ आत्म-ज्ञान की प्राप्ति का द्वार खोलती हैं और अंतर्निहित सामर्थ्य को जाग्रत करती हैं।

आरोग्य और पुनर्जागरण

हमारे कुशल महाविद्या साधक और भैरव साधक नकारात्मकता को समाप्त करने और तांत्रिक बाधाओं को दूर करने में निपुण हैं। इन अनुष्ठानों और कार्यशालाओं में भाग लेकर आप अपनी आध्यात्मिक, मानसिक और भावनात्मक उन्नति का अनुभव कर सकते हैं।

धर्म के रक्षक

तन्त्रगुरुकुल धर्म के सिद्धांतों को संरक्षित रखने के लिए समर्पित है। हमारे अनुष्ठान और साधनाएँ धर्म, कर्तव्य और दिव्य व्यवस्था की रक्षा के प्रति हमारी पवित्र प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करते हैं।

साधकों का समुदाय

तन्त्रगुरुकुल केवल एक आध्यात्मिक आश्रय नहीं है, यह साधकों का एक प्रगतिशील समुदाय है। आत्म-साक्षात्कार की यात्रा में समान विचारधारा वाले साधकों के साथ जुड़ें और तंत्र की रूपांतरणकारी शक्ति का अनुभव करें।

अपनी अंतर्ज्योति प्रज्वलित करें

तन्त्रगुरुकुल में परंपरा और आधुनिकता के अद्भुत संगम का अनुभव करें। अपनी आंतरिक शक्ति को जाग्रत करें, सीमाओं का अतिक्रमण करें, और तंत्र द्वारा प्रदत्त इस रूपांतरणकारी यात्रा को अपनाएँ।